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लहसुन (गार्लिक) के फायदे (Lahsun ke fayde) और इसके औषधीय प्रयोग (दिल की बीमारी , रक्तचाप,अल्जाएमर, डायबटीज,कैंसर,लीवर,वायरल डिजीज आदि में )

लहसुन में अनेकों औषधीय गुण पाए जाते है ,  लहसुन भोजन का एक महत्वपूर्ण अंग है। पूरे विश्व में लहसुन का प्रयोग मसालों के लिए किया जाता है।  इस...

लहसुन में अनेकों औषधीय गुण पाए जाते हैलहसुन भोजन का एक महत्वपूर्ण अंग है। पूरे विश्व में लहसुन का प्रयोग मसालों के लिए किया जाता है। इस आर्टिकल में हम लहसुन का परिचय और उसके औषधीय गुणों के बारे में जानेगें, और अन्य दो आर्टिकल्स में हम यह जानेगें  कि लहसुन कैसे खाये? किसे लहसुन नहीं खाना चाहिये, लहसुन खाने से क्या नुकसान हो सकते है, और लहसुन खाने में क्या सावधानियां अपनानी चाहिये,तथा लहसुन किस प्रकार महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं कोदूर कर सकता है।

लहसुन के औषधीय प्रयोग का इतिहास
लहसुन का परिचय
लहसुन के लाभ
लहसुन का फायदा; दिल की बीमारी और रक्तचाप में
लहसुन का फायदा; बुढ़ापा, अल्जाएमर, और डीमेंसिया में
लहसुन का फायदा; मधुमेह / डायबटीज में
लहसुन का फायदा; एंटी-कैंसर, एंटी-ट्यूमर प्रभाव
लहसुन का फायदा; दर्दनिवारक प्रभाव
लहसुन का फायदा; पाचन में
लहसुन का फायदा; लीवर को स्वस्थ रखने में
लहसुन का फायदा; रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में
लहसुन का फायदा; हड्डी से जुड़े रोग में
लहसुन का फायदा; शारीरिक विषाक्तता दूर करने में
लहसुन का फायदा; त्वचा रोग (स्कीन डिजीज) में
लहसुन का फायदा; सर्दी, जुकाम और फ़्लू  (वायरल डिजीज) में
लहसुन का फायदा; नपुंसकता दूर करने में
लहसुन का फायदा; एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव

 लहसुन के औषधीय प्रयोग का इतिहास

        भारत में सदियों से मसाले और औषधि के रूप में हल्दी का प्रयोग होता रहा है, आयुर्वेद में हल्दी का एक महत्वपूर्ण स्थान है इसे संस्कृत में लसुना या रसोना भी कहा गया है। प्राचीन भारत के लोगलहसुन के चिकित्सकीय गुणों से परिचित थेइसकी तीखी गंध और उत्तेजक  गुणों से भी परिचित थे, इसी कारण सन्यासी, तपस्वी, भिक्षु और ध्यान उपवास करने वाले तथा धार्मिक व्यक्ति इसके सेवन से परहेज करते थे।


        अन्य सभ्यताओं में भी प्राचीन काल से लहसुन का प्रयोग चिकित्सा में किया जाता रहा है। प्राचीन यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स (लगभग 460-370 ईसा पूर्व) जिन्हें आज "पश्चिमी चिकित्सा के पिता" के रूप में जाना जाता है, अपनी औषधियों में लहसुन का प्रयोग करते थे। प्राचीन ग्रीस में ओलंपिक के खिलाड़ियों को भी लहसुन का सेवन कराया जाता था, जिससे उनके प्रदर्शन में सुधार हो सके। प्राचीन मिस्र और चीन में भी लहसुन का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता था।

लहसुन का परिचय

        लहसुन का वैज्ञानिक नाम एलियम सटिवम (Allium sativum L.) है, संपूर्ण विश्व में इसकी 45 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनका प्रयोग किया जाता है। भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप इन के रंग और स्वाद में अंतर होता है। 100 ग्राम लहसुन में 140 कैलोरी ऊर्जा, 63.8 ग्राम पानी, 28.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेड, 5.3 ग्राम प्रोटीन, 0.2 ग्राम तेल,11.0 ग्राम सेलुलोज पाया जाता है  लहसुन में 200 से भी ज्यादा रसायनिक तत्व पाए जाते हैं, जिनमे ऐलिसिन (Allicin), ऐलिनेज (Alliinase), अहोइन (Ajoene), सलीनियम (Selenium), सपोनेनस (Saponins), फ्रोक्टेंस (Fructans) आदि महत्वपूर्ण रसायन हैं।

लहसुन के लाभ

        लहसुन को गठियादांत दर्दपुरानी खांसीकब्जपरजीवी संक्रमणसांप और कीड़े के काटने के उपचार में, स्त्रीरोगों में, संक्रामक रोगों (एंटीबायोटिक के रूप में) में प्रयोग किया जाता रहा है । लहसुन में पाए जाने वाले विभिन्न रसायनो में एंटी-ट्यूमर, एंटी-माइक्रोबियल, एंटीऑक्सिडेंट, और दर्द निवारक जैसे अनेकों गुण पाए जाते हैं। जो अनेकों प्रकार से मानव स्वास्थ को फायदा पहुंचाते हैं जिसका विवरण नीचे विस्तार से दिया गया है -

लहसुन का फायदा; दिल की बीमारी और रक्तचाप में

        लहसुन का सेवन करने से रक्त संचार और हृदय से जुड़ी कई बीमारियों में अप्रत्याशित लाभ होता है।  जिसमें एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना)उच्च कोलेस्ट्रॉलदिल का दौराकोरोनरी हृदय रोग और उच्च रक्तचाप शामिल हैं। लहसुन का सेवन रक्तचाप को कम करनेएथेरोस्क्लेरोसिस की रोकथामसीरम कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड की कमीप्लेटलेट एकत्रीकरण के निषेधऔर फाइब्रिनोलिटिक (रक्त का थक्का बनने को रोकने) की गतिविधि को बढ़ाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।


        लहसुन रक्त वाहिनी में कोलेस्ट्रॉल के ढेर को साफ करता है, और रक्त वाहिनी की लोच शीलता को बनाए रखता है। यह ह्रदय के मांस पेशियों की लोच शीलता को भी बनाए रखता है, जिससे ह्रदय कठोर (हार्ड) नहीं होता।  यह ब्लड को पतला करता है, और ब्लड का थक्का बनने की प्रक्रिया को भी धीमा करता है, जिससे यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है, और ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाता है।

लहसुन का फायदा; बुढ़ापा, अल्जाएमर, और डीमेंसिया में

        लहसुन में कई स्ट्रांग एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह शरीर के फ्री रेडिकल्स को, जो कि बुढ़ापे, और उम्र बढ़ने पर दिखने वाले लक्षणों के लिए जिम्मेदार होते हैं, को कम करते हैं। इससे बुढ़ापे की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसके साथ ही अल्जाइमर और डिमेंशिया को भी एंटी ऑक्सीडेंट रोकते हैं। 

        अल्जाइमर में एम.आइ.लाइव बीटा और कुछ प्रोटीन बनते हैं, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षति पहुंचाते हैं। लहसुन में कई स्ट्रांग एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो अल्जाइमर और डिमेंशिया को या तो पूरी तरह रोक देते हैं, अथवा इसके विकास को धीमा कर देते हैं।  

        इसके अतिरिक्त लहसुन रक्त प्रवाह को भी तेज करता है, जिससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह सुचारू होता है, जिससे अल्जाइमर और डिमेंशिया की रोकथाम प्रभावी रूप से हो पाती है। रक्त प्रवाह सुचारू होने से मस्तिष्क उम्र बढ़ने के बाद भी अधिक लंबे समय तक स्वस्थ और सक्रिय रहता है। 

👉यह भी पढ़े-लहसुन कैसे खाये ? किसे लहसुन नहीं खाना चाहिये, लहसुन खाने से क्या नुकसान हो सकते है, और लहसुन खाने में क्या सावधानियां अपनायें ?

👉यह भी पढ़े-महिला संबंधी रोगों में (अस्थि रोग में, यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन (यू.टी.आई.) में, मासिक चक्र में आदि में) लहसुन से होने वाले फायदे।

लहसुन का फायदा; मधुमेह / डायबटीज में

        लहसुन में पाए जाने वाले सल्फर यौगिक जैसे कि एलीनऐलिसिन (Allicin), और डायलील यौगिक आदि शरीर में पेनक्रियाज द्वारा किए जा रहे इंसुलिन के स्राव को प्रेरित करते हैं, जिससे रक्त में ब्लड शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है। 

        कार्डियोमायोपैथी डायबिटीज के रोगियों में मृत्यु का मुख्य कारण है, यह हृदय की मांसपेशियों की बीमारी है, जिसमें असामान्य रूप से हृदय का आकार बढ़ जाता है, उसकी दीवारें मोटी और कड़ी हो जाती हैं लहसुन में कार्डियोमायोपैथी से हृदय की रक्षा करने की महत्वपूर्ण क्षमता होती है।

लहसुन का फायदा; एंटी-कैंसर, एंटी-ट्यूमर प्रभाव

        फेफड़े के कैंसरप्रोस्टेट कैंसरस्तन कैंसरपेट के कैंसरमलाशय के कैंसर और पेट के कैंसर की रोकथाम में भी लहसुन को उपयोगी माना जाता है। कई दिनों में देखा गया है कि, लहसुन में पाए जाने वाले बायो एक्टिव योगिक एंटी-कैंसर एवं एंटीट्यूमर होते हैं। 

        लहसुन में पाया जाने वाला डी.ए.टी.एस. (डायलिसिस ड्राई सल्फाइड) एक सल्फर योगिक है। जिसमें कैंसर रोकने संबंधी गुण पाए जाते हैं, यह कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक देता है। फेफड़ों के कैंसर में भी लहसुन बहुत उपयोगी है। यह कीमो निवारक एजेंट के रूप में भी काम करता है। लहसुन प्रोस्टेट कैंसर की संभावनाओं को भी कम करता है यह स्तन कैंसर को रोकने में प्रभावी होता है। लहसुन स्तन कैंसर को बढ़ाने वाला लिनोलेइक एसिड के प्रभाव को रोकता है।

लहसुन का फायदा; दर्दनिवारक प्रभाव

        लहसुन मैं एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। दर्द निवारक के रूप में इसका उपयोग भारत में आदिकाल से होता रहा है। दर्द और चोट में लहसुन को सरसों के तेल या देसी घी के साथ गर्म करके लगाया जाता रहा है। आर्थराइटिस के दर्द को कम करने में भी लहसुन उपयोगी होता है। लहसुन की तरह हल्दी भी एक चमत्कारी औषधि हैहल्दी के क्या फायदे हैं और इसके सेवन का   सेवन का क्या तरीका है, इसे पढने के लिये यहां क्लिक करें 

लहसुन का फायदा; पाचन में

        लहसुन पाचन तंत्र को अच्छा करता है। यह लिवर को स्वस्थ बनाता है, पेट के कीड़ों को मारता है, और कब्जियत को भी रोकता है। यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे पाचन तंत्र सुचारू होता है और अच्छा होता है। कच्चा लहसुन खाने से डायरिया जैसी समस्याएं भी नहीं होती हैं।

लहसुन का फायदा; लीवर को स्वस्थ रखने में

        लीवर शरीर का बहुत उपयोगी अंग है, और शरीर में जाने वाले सभी तत्वों की सफाई के लिए जिम्मेदार है। लहसुन में पाए जाने वाले खनिज तत्व सलीनियम (Selenium) लिवर की सफाई करता है। लहसुन लीवर में पाए जाने वाले एंजाइम को सक्रीय करता है, और लीवर में विषैले पदार्थों को प्राकृतिक रूप से निकालने में सहयोगी होता है। 

        लीवर शरीर में रक्त संचार को भी सुचारू बनाता है। भोजन के द्वारा प्राप्त पोषक तत्वों को निकालता है, और रक्त के द्वारा उसे पूरे शरीर में वितरित करता है। इस पूरी प्रक्रिया में लीवर में विषैले पदार्थ एकत्र होने लगते हैं, जिससे लीवर का स्वास्थ्य खराब होने लगता है। इसी प्रकार अधिक शराब के सेवन से भी लीवर को क्षति पहुंचती है, लहसुन में पाए जाने वाले ऑर्गेनोसल्फर यौगिक इस क्षति को कम करते हैं।

लहसुन का फायदा; रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में

        लहसुन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जब लहसुन को चबाया या कुचला जाता है, तो उसमें पाए जाने वाला ऐलिन ऐलिसिन में बदल जाता है, जो कि लहसुन का मुख्य सक्रीय तत्व है। विभिन्न ऑर्गेनोसल्फर यौगिक लहसुन को औषधीय गुण प्रदान करते हैं। ये यौगिक शरीर के रक्त में पाई जाने वाली श्वेत रक्त कणिकाएं, जो बाहर से आने वाले रोग कारकों से लड़ती है, की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे श्वेत रक्त कणिकाएं या डब्ल्यूबीसी अधिक सक्रियता से संक्रमण का सामना करती  है।

लहसुन का फायदा; हड्डी से जुड़े रोग में

        लहसुन हड्डियों में होने वाली क्षति को कम करता है, और इसके एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण से हड्डी में होने वाले दर्द में कमी आती है। महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन हड्डियों की क्षति को रोकता है। लहसुन के नियमित सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस और ओस्टियोआर्थराइटिस के होने की संभावना भी कम होती है। 

लहसुन का फायदा; शारीरिक विषाक्तता दूर करने में

        मानव शरीर की सामान्य उपापचयी प्रक्रियाओं में अनेक विषैले पदार्थों का निर्माण होता है, जिनका समय से शरीर के बाहर निकलते रहना आवश्यक होता है। यदि ये शरीर में रह जाते हैं तो शरीर में विषाक्तता बढ़ती है, जिसके अनेक गंभीर परिणाम हो सकते हैं। लहसुन विषैले पदार्थों को मल मूत्र और पसीने के द्वारा बाहर निकालने में सहायक होता है। लहसुन एक अच्छा ब्लड प्यूरीफायर है 

लहसुन का फायदा; त्वचा रोग (स्कीन डिजीज) में

        लहसुन में पाए जाने वाले स्ट्रांग एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुण त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। एंटी ऑक्सीडेंट त्वचा में फ्री रेडिकल्स से होने वाले प्रभाव जैसे की त्वचा में ढीलापन, उम्र के लक्षण इत्यादि को नियंत्रित करता है, और कम करता है। इसके अतिरिक्त यह त्वचा की कोशिकाओं की वृद्धि करता है, और कोशिकाओं की उम्र को बढ़ाता है, जिससे चेहरे की त्वचा लंबे समय तक स्वस्थ और कसाव लिए होती है। लहसुन के पाए जाने वाले एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण से त्वचा किसी भी प्रकार के संक्रमण से मुक्त रहती है। मुहांसों पर कच्चा लहसुन रगड़ने से उसमें जीवाणु मर जाते हैं(ऐसा करने से पहले त्वचा की सेंसटिवीटी / एलर्जी अवश्य जांच लेनी चाहिए)।

विशेष:- किसी भी प्रकार की दवा या उपचार का प्रयोग डॉक्टर/विशेषज्ञ की सलाह से ही करेइस आर्टिकल मे दी गयी जानकारी कोई चिकित्सकीय परामर्श नहीं हैइसका उद्देश्य मात्र विषय पर आपको जागरूक करना है।

लहसुन का फायदा; सर्दी, जुकाम और फ़्लू  (वायरल डिजीज) में

        जब मौसम परिवर्तित होते हैं, तो सर्दी जुकाम और फ्लू के वायरस बहुत ही प्रभावी हो जाते हैं। लेकिन लहसुन के नियमित सेवन से यह लहसुन श्वेत रक्त कणिकाओं की सक्रियता को बढ़ाता है, जिससे उनकी वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है, और सामान्य सर्दी जुकाम प्रभावी नहीं हो पाते, यदि वायरल इंफेक्शन हो भी जाता है, तो भी संक्रमण की गंभीरता बहुत कम ही रहती है, और ठीक होने में लगने वाला समय भी कम हो जाता है।

लहसुन का फायदा; नपुंसकता दूर करने में

        लहसुन पुरुष हार्मोन लेवल को संतुलित करता है, जिससे पुरुषों में नपुंसकता दूर होती है। यदि लहसुन का शहद के साथ सेवन किया जाए तो, यह बहुत ही लाभदायक होता है, इसके अतिरिक्त पुरुषों में होने वाली स्तंभन कमजोरी (इरेक्टाइल डिफिशिएंसी) को भी दूर करता है, क्योंकि लहसुन रक्त को पतला करता है, और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे यौन अंगों में रक्त संचार अच्छा होने से उनमें होने वाली कमजोरी दूर होती है। लहसुन में पाया जाने वाला तत्व एलिसिन पुरुष के शरीर में स्पर्म को स्वस्थ रखता है, और सीमेन (वीर्य) में स्पर्म संख्या को बढ़ाता है।

लहसुन का फायदा; एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव

        लहसुन एक अच्छा एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी प्रोटोजोआ है। लहसुन के सेवन से शरीर में अवांछित सूक्ष्मजीव समाप्त होते हैं, और शरीर का आंतरिक तंत्र अच्छा होता है। यह पेट में पाए जाने वाले हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है। इसके साथ ही दांत और मसूड़ों में भी जीवाणुओं की वृद्धि को रोकता है, और संक्रमण से बचाता है। मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन (यूटीआई) में भी लहसुन उपयोगी होता है। लहसुन सामान्य वायरल इंफेक्शन से भी बचाता है, जिसका विवरण पहले दिया जा चुका है।

        यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट बाक्स में जरूर बताएं, जिससे आर्टिकल में सुधार कर इसे और उपयोगी बनाया जा सके, आर्टिकल  को पूरा पढने के लिए धन्यवाद ....🙏

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