हल्दी भारतीय जनमानस में सदियों से व्याप्त हैं , लेकिन आज इस लेख के माध्यम से हल्दी के फायदे (haldi ke fayde) और हल्दी के नुकसान पर विस्...
हल्दी भारतीय जनमानस में सदियों से व्याप्त हैं, लेकिन आज इस लेख के माध्यम से हल्दी के फायदे (haldi ke fayde) और हल्दी के नुकसान पर विस्तार से बताया गया है। किस मात्रा में और किस प्रकार हल्दी का सेवन उपयोगी है। इस संबंध में निम्न संदर्भो के अंतर्गत विस्तार से चर्चा करेगें:-
हल्दी
के फायदे और औषधीय गुण
हल्दी
के नुकसान
हल्दी
का सेवन करने में ली जाने वाली सावधानियां
हल्दी
का प्रयोग कैसे करना हैं
आज भी हल्दी का प्रयोग दादी नानी के नुस्खे में बहुतायत में होता है, किसी प्रकार की चोट लगने पर हल्दी को सरसों के तेल या देसी घी में गरम कर लेप किया जाता है। शरीर में दर्द होने पर दूध में हल्दी डालकर पीने के लिए दिया जाता है।
हल्दी जिसे अंगरेजी में टर्मरिक कहा जाता है जिंजर फैमिली से है, इसका वैज्ञानिक नाम कुरकुमा लौंगा है। हल्दी जिसे हम प्रयोग करते है वह, पौधे के जड़ की गांठ होती है। हल्दी का पीला रंग उसमे पाए जाने वाले पीत रंजक करक्यूमिन के कारण होता है। करक्यूमिन बहुत ही उपयोगी तत्व है।
हल्दी के फायदे और औषधीय गुण :-
* हल्दी में कई औषधीय गुण होते हैं, जो इसे बहुत उपयोगी बनाते हैं। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन बहुत ही स्ट्रांग एंटी ऑक्सीडेंट होता है। एंटी ऑक्सीडेंट बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमे करते हैं, इसके अतिरिक्त अर्थराइटिस और दिल की बीमारियों में भी उपयोगी होते हैं।
* हल्दी एंटी इन्फ्लेमेटरी होता है, जिससे हल्दी के प्रयोग से दर्द में कमी आती है।
* हल्दी डिटॉक्सिफाई भी करता है, इसके सेवन से लीवर में पाए जाने वाले विषैले तत्व समाप्त होते है।
* हल्दी में कैंसर रोधी
तत्व पाए जाते हैं, हल्दी के
सेवन से शरीर की कैंसर के प्रति प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, और शरीर कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने में सक्षम होता है।
* हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और, एंटीसेप्टिक के भी गुण होते हैं। जिसके कारण हल्दी
के सेवन से सर्दियों में होने वाले वायरल या मौसमी बीमारियां दूर होती हैं।
* हल्दी शरीर की त्वचा के लिए भी बहुत उपयोगी है, हल्दी मिश्रित उपटन का प्रयोग भारत में सदियों से होता आया है। हल्दी में पाये जाने एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और, एंटीसेप्टिक गुण के कारण त्वचा से जुडी समस्या जैसे कि दाद,मुहासें, एक्जिमा, खुजली और एलर्जी में यह बहुत उपयोगी होता है।
इसके प्रयोग से घाव तेजी से भरते हैं,और उसमे संक्रमण नहीं हो पाता। हल्दी में पाया जाने वाला
करक्यूमिन स्ट्रांग एंटी ऑक्सीडेंट होता है, जो त्वचा मे बढ़ती उम्र में होने वाले प्रभावों को
कम करता है। त्वचा में जब पी एच के (फास्फोरिलेज किनासे) प्रोटीन बढ़ जाता है तो
त्वचा की कोशिकाएं तेजी से बनने लगती हैं, और ये अतिरिक्त
कोशिकाएं त्वचा में गांठ,छाले,या
चकत्ते बनाने लगती है, इसे ही फेसियल सोरायसिस कहा जाता है, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन, पी एच के (फास्फोरिलेज किनासे) को कम करता है,
और फेसियल सोरायसिस को रोकता है।
* हल्दी पाचन के लिए बहुत
अच्छा होता है इससे पेट में अपच और गैस की समस्या दूर होती है, इसीलिए भारतीय व्यंजनो में प्रायः
हल्दी का प्रयोग किया जाता है।
* हल्दी से हड्डियों को
मजबूती मिलती है तथा हड्डी संबंधी रोग जैसे कि ओस्टियोपोरोसिस, गठिया, ज्वाइंट
पेन आदि में हल्दी बहुत उपयोगी होता है, हल्दी से लिगामेंट में लचक और मजबूती आती है इसीलिए हड्डी टूटने पर अक्सर
हल्दी दूध पीने की सलाह दी जाती है।
* डायबटीज से ग्रसित
व्यक्ति यदि हल्दी का सेवन करते हैं, तो उनका शुगर लेवल कम होता है।
* हल्दी वजन कम करने के लिए
भी बहुत उपयोगी होती है।
* हल्दी में पाए जाने वाला
करक्यूमिन मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होता है, यह अवसाद कम करता है, एंजायटी और डिप्रेशन को कम करता है, और हल्दी के
सेवन से अच्छी नींद आती है।
* महिलाओं के लिए हल्दी
विशेष उपयोगी है, जो
महिलाएं डिसमैनरिया से पीड़ित होती हैं, अर्थात की जिन्हें
मासिक के समय दर्द अधिक होता है और स्राव कम होता है, ऐसे
में हल्दी के सेवन से दर्द में कमी होती है और स्राव बढ़ता है।
* प्रसव/डिलीवरी के बाद हल्दी के सेवन से मां की मां के शरीर की रिकवरी तेज होती है और इससे बच्चे के लिए ब्रेस्ट मिल्क की मात्रा की भर्ती है इसके अलावा महिलाओं में होने वाले ओस्टियोपोरोसिस में भी हल्दी बहुत उपयोगी होता है।
हल्दी की तरह लहसुन भी एक चमत्कारी औषधि है, लहसुन के क्या फायदे हैं, महिला संबंधी रोगों में (अस्थि रोग में, यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन (यू.टी.आई.) में, मासिक चक्र आदि में) लहसुन से क्या फायदे हैं। लहसुन कैसे खाये ? किसे लहसुन नहीं खाना चाहिये, लहसुन खाने से क्या नुकसान हो सकते है, और लहसुन खाने में क्या सावधानियां अपनायें? इसे पढने के लिये यहां क्लिक करें।
हल्दी के नुकसान :-
* हल्दी के शरीर पर कई
अलाभकारी प्रभाव भी हैं, हल्दी के
अधिक मात्रा में सेवन करने से सर दर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
* इससे एसिडिटी की समस्या
हो सकती हैं।
* स्किन पर ज्यादा जलन और
खुजली भी हो सकती है।
* कुछ लोगों में डायरिया की
प्रॉब्लम भी देखी गई है।
* हल्दी के अधिक मात्रा में
सेवन करने से शरीर के आयरन के अब्जार्पसन में कमी आती है, जिससे शरीर में आयरन की मात्रा
में कमी आती है।
* महिलाओं में एस्ट्रोजन
हार्मोन को नियंत्रित करता है, इससे उनके पीरियड में समस्याएं होती हैं।
* अधिक मात्रा में हल्दी लीवर में टॉक्सीसिटी बढ़ाता है।
हल्दी का सेवन करने में ली जाने वाली सावधानियां :-
* हल्दी बहुत उपयोगी होने के साथ ही इसकी कुछ नुकसान भी हैं, इसलिए हल्दी लेने वाले व्यक्ति को सावधानी बरतनी चाहिए, जैसा कि पहले बताया है कि, हल्दी की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्म तासीर की व्यक्तियों को गर्मियों में हल्दी से बचना चाहिए, और डॉक्टर की सलाह से ही हल्दी का सेवन करना चाहिए।
* यदि किसी व्यक्ति को
ज्वाएन्डिस (पीलिया) की समस्या हो तो उसे डॉक्टर सलाह के बाद ही हल्दी का सेवन करना चाहिए।
* जिन व्यक्तियों को गाल
ब्लैडर में स्टोन या किडनी में स्टोन की प्रॉब्लम होती है ऐसे लोगों को भी हल्दी का
सेवन डॉक्टर सलाह पर ही करना चाहिए।
* हल्दी खून को पतला करता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और रक्त स्राव बढ़ता है, यदि किसी व्यक्ति को ब्लड से जुड़ी हुई कोई प्रॉब्लम है, तो उसे बिना डॉक्टर की सलाह के हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए, यदि कोई व्यक्ति खून पतला करने की दवा ले रहा है, अथवा उसे ब्लड क्लोटिंग थक्का जमने संबंधी कोई प्रॉब्लम है तो भी उन्हें हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए, कुछ लोगों को गर्मियों में नाक से खून आ जाता है, ऐसे लोगों को भी हल्दी का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।
* यदि किसी व्यक्ति को पाइल्स की प्रॉब्लम है तो उसमें भी हल्दी के सेवन से रक्त प्रवाह बढ़ सकता है।
* गर्भवती महिलाओं को हल्दी के सेवन से गर्भपात का खतरा भी हो सकता है। इसी प्रकार जिन महिलाओं को मासिक के समय ज्यादा बिल्डिंग की प्रॉब्लम होती है, उन्हें भी हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए, अथवा डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
* यदि किसी व्यक्ति को पेट
संबंधी समस्याएं हैं जैसे कि गैस एसिडिटी अथवा पेट में अल्सर है तो ऐसे व्यक्तियों
को भी हल्दी का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
* हल्दी का अधिक सेवन
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के लेवल को कम करता है, जिससे शुक्राणुओं की संख्या में
कमी आती है, और नपुंसकता भी हो सकती है।
* यदि किसी व्यक्ति में खून
की कमी है तो उसे भी हल्दी का सेवन बिना डॉक्टर सलाह के नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हल्दी शरीर में आयरन के
एबसार्ब करने की क्षमता को कम कर देता है, जिससे
शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल कम होता है।
* डायबिटीज के पेशेंट को हल्दी लेने में सावधानी बरतनी चाहिए, जिन लोगों का शुगर लेवल ज्यादा होता है, यदि वे हल्दी का सेवन करते हैं, तो शुगर लेवल कम होता है, ऐसे में जिन लोगों का शुगर लेवल कम रहता है, हल्दी उसे और कम कर देता है, इसलिए डायबिटीज के पेशेंट को हल्दी लेते समय अपना शुगर लेवल नियमित रूप से मानीटर करते रहना चाहिए।
हल्दी का प्रयोग कैसे करना है:-
सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में हल्दी मिश्रित उपटन का प्रयोग भारत में सदियों से होता आया है। इसके अतिरिक्त चोट में हल्दी को सरसों के तेल या देशी घी के साथ गर्म करके भी लेप किया जाता है। हल्दी का लेप या त्वचा पर वाह्य प्रयोग करने से पूर्व, रिएक्शन/एलर्जी टेस्ट करना आवश्यक है।
इसके लिए हल्दी के लेप की थोड़ी मात्र कान के पीछे/ कलाई के पास लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ दिया जाता है। यदि किसी प्रकार के दाने, जलन, खुजली आदि की समस्या आती है तो प्रयोग से पहले डाक्टर की सलाह लिया जाना आवश्यक है।
हल्दी का सेवन कई प्रकार से किया जा सकता है, जैसे कि हल्दी पाउडर को दूध में डालकर, साबुत हल्दी को सलाद के रूप में प्रयोग कर, चाय कॉफी या किसी प्रकार के पेय अथवा गुनगुने पानी के साथ आदि।
हल्दी का प्रयोग करते समय कितनी मात्रा में इसे लेना हैं इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए, हल्दी की प्रतिदिन 8 ग्राम तक मात्र ली जा सकती हैं।
विशेष:- किसी भी प्रकार की दवा या उपचार का प्रयोग डॉक्टर/विशेषज्ञ की सलाह से ही करे, इस आर्टिकल मे दी गयी जानकारी कोई चिकित्सकीय परामर्श नहीं है, इसका उद्देश्य मात्र विषय पर आपको जागरूक करना है।
यदि
हल्दी को काली मिर्च के साथ किया जाए तो हल्दी की शरीर में अवशोषण होने की क्षमता
कई गुना बढ़ जाती है, जिससे कम
मात्रा में ली गयी हल्दी के गुणकारी प्रभाव, बिना काली मिर्च
के साथ ली गई हल्दी की तुलना में भी कई गुणा बढ़ जाते है, और
अधिक हल्दी के सेवन से होने वाले अलाभकारी प्रभावों से भी बचा जा सकता है। पांच चुटकी हल्दी में एक चुटकी काली मिर्च
मिलाने से, कम मात्रा में ली गयी हल्दी भी शरीर में बहुत
अच्छी तरह से अब्सार्ब हो जाती हैं।
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