लहसुन भोजन का एक महत्वपूर्ण अंग है। पूरे विश्व में लहसुन का प्रयोग मसालों के लिए किया जाता है। भारत में पाए जाने वाले अधिकतर व्यंजन में इसका...
लहसुन
भोजन का एक महत्वपूर्ण अंग है। पूरे विश्व में लहसुन का प्रयोग मसालों के लिए किया
जाता है। भारत में पाए जाने वाले अधिकतर व्यंजन में इसका प्रयोग किया जाता है। अन्य
दो आर्टिकल्स में हमने यह देखा कि लहसुन के औषधीय गुण क्या है, और लहसुन किस
प्रकार महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर कर सकता है।
1. लहसुनखाने से क्या नुकसान हो सकते है, और क्या सावधानियां अपनायें ?
2. लहसुन कैसे खाये ?
1. लहसुन खाने से क्या नुकसान हो सकते है और क्या सावधानियां अपनायें ?
लहसुन की तासीर गर्म होती है....
लहसुन की तासीर गर्म होती है,और लहसुन के सेवन से शरीर में गर्मी पैदा होती है, ऐसे में यदि गर्म तासीर के व्यक्ति लहसुन का सेवन ज्यादा मात्रा में करते है या, गर्मीयों में लहसुन का सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाता है तो इससे हानि हो सकती है।
कुछ लोगों को गर्मियों में नाक से खून आ जाता है, ऐसे लोगों को भी गर्मीयों में लहसुन का सेवन नही करना चाहिये अथवा डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
पेट से संबंधित कोई बीमारी अल्सर या एसिडिटी....
यदि किसी व्यक्ति को पेट से संबंधित कोई बीमारी अल्सर या एसिडिटी आदि है तो, ऐसे में भी लहसुन के सेवन से नुकसान हो सकता है, ऐसे व्यक्तियों को बिना डॉक्टर के परामर्श के लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर )....
लहसुन खून को पतला करता है, जिससे यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है, और ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाता है। परन्तु यदि किसी व्यक्ति को लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो लहसुन के सेवन से उसका ब्लड प्रेशर और लो हो जायेगा।
👉 यह भी पढ़े - लहसुन (गार्लिक) के फायदे (Lahsun ke fayde) और इसके औषधीय प्रयोग (दिल की बीमारी, रक्तचाप,अल्जाएमर, डायबटीज,कैंसर,लीवर,वायरल डिजीज आदि में)।
लहसुन खून को पतला करता है और रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) बढ़ता है......
लहसुन खून को पतला करता है, जिससे ब्लड
सर्कुलेशन बढ़ता है, और रक्त स्राव (ब्लीडिंग ) बढ़ता है, यदि किसी व्यक्ति को
ब्लड से जुड़ी हुई कोई प्रॉब्लम है अथवा वह खून को पतला करने की दवा ले रहा है तो,उसे भी लहसुन का सेवन डॉक्टर के परामर्श के पश्चात ही करना चाहिए।
लहसुन रक्त का थक्का बनने की प्रक्रिया को भी
धीमा करता है, यदि किसी व्यक्ति को ब्लीडिंग की समस्या है, अथवा उसे ब्लड क्लोटिंग (थक्का जमने) संबंधी कोई समस्या है, तो ऐसे
व्यक्तियों को भी डॉक्टर के परामर्श के पश्चात ही लहसुन का सेवन करना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति को पाइल्स की प्रॉब्लम है तो उनमें भी लहसुन के सेवन से रक्त प्रवाह बढ़ सकता है।
ऑपरेशन होने से पहले अथवा बाद में भी लहसुन का
सेवन नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि लहसुन खून को पतला करता है, जिससे आपरेशन के
समय इंटरनल बिल्डिंग की प्रॉब्लम हो सकती है, और आपरेशन के बाद ब्लड क्लोटिंग ना
होने से घाव ठीक होने में समस्या हो सकती है।
इसी प्रकार जिन महिलाओं को मासिक के समय ज्यादा बिल्डिंग की प्रॉब्लम होती है, उन्हें भी लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, अथवा डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिये....
गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन विशेष सावधानी से करना चाहिये। सामान्य रूप से कम मात्रा में लहसुन के सेवन से कोई नुकसान नहीं होता है, इससे इम्युनिटी बढ़ती है, संक्रमण के खतरे कम होते हैं और बच्चे का स्वास्थ्य भी अच्छा होता है, लेकिन गर्भावस्था बहुत ही संवेदनशील अवस्था है, और प्रत्येक महिला के लिए इसकी परिस्थितियां भिन्न हो सकती हैं। इसलिए बिना डॉक्टर के परामर्श के लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिये, लहसुन के अधिक सेवन से गर्भपात का खतरा भी हो सकता है, इसके साथ ही डिलीवरी के समय लहसुन का खून को पतला करने और थक्का न जमने देने का गुण समस्या पैदा कर सकता है।
स्तन पान कराने वाली महिलाओं के लिये....
लहसुन एक गैलेक्टागॉग (माँ के दूध को बढ़ाने
वाला ) है,जिससे यह स्तन पान कराने वाली महिलाओं के
लिये लाभदायी होता है। को भी बिना डॉक्टर के परामर्श के लहसुन का सेवन
नहीं करना चाहिए। बहुत से लोग में यह देखा गया है, कि स्तनपान कराते समय लहसुन
खाने से उनके बच्चों में गैस की प्रॉब्लम होती है।
कभी-कभी कुछ बच्चे लहसुन की तेज गंध के कारण
परेशान होते हैं या दूध पीना छोड़ सकते हैं इसके अतिरिक्त अधिक मात्रा में लहसुन
के सेवन से स्तनपान करने वाले बच्चे की आंतों की संवेदनशील परत को क्षति हो सकती
है। बच्चों में अपच की भी समस्या देखी गयी हैं।
लहसुन स्तनपान करने वाले बच्चों में एलर्जी का
कारण भी बन सकता है। इसलिए आपको पहले इसे कम
मात्रा में सेवन करना चाहिए, यदि आप अपने बच्चे में एलर्जी के किसी भी लक्षण को
देखते हैं, तो इसका सेवन बंद कर दें। जिन लोगों को लहसुन से एलर्जी है, उन्हें प्याज, लीक और लिली परिवार के अन्य सदस्यों से
भी एलर्जी हो सकती है। इसलिए, इनका भी सेवन सावधानी से करें।
अन्य समस्याएं .....
इसी प्रकार कमजोर लिवर वाले व्यक्तियों को भी
लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, अथवा डॉक्टर के परामर्श के पश्चात करना चाहिए,
क्योंकि लहसुन में स्ट्रांग एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, और कमजोर लिवर इसे सह
नहीं पाता।
लहसुन में सल्फर की मात्रा अधिक होती है, ऐसे में यदि इसका अधिक मात्रा में नियमित सेवन किया जाय तो, यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षति भी पंहुचा सकता है।
लहसुन कैसे खाये?
खाने से क्या की विभिन्न विधियां क्या है जिससे कि लहसुन के
औषधीय गुणों का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
👉लहसुन का सबसे ज्यादा फायदा लेने के लिए उसे कच्चा खाया जाना चाहिए, कच्चे खाने से तात्पर्य है कि लहसुन एक बल्ब से लहसुन की कलियों को अलग कर और उन्हें छीलकर चबाकर सेवन करना। इसके पीछे भी एक महत्वपूर्ण कारण है, यदि लहसुन को कुचला कई परतों में काटा जाता है, तो लहसुन में पाया जाने वाला औषधीय घटक एलिसन की मात्रा बढ़ जाती है।
👉इसके अतिरिक्त किसी प्रकार के दर्द या सूजन में भी लहसुन को सरसों के तेल अथवा देसी घी के साथ गर्म कर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
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