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महिलाओं में लहसुन से होने वाले फायदे | अस्थि रोग में, यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन (यू.टी.आई.) में, मासिक चक्र आदि में लहसुन से होने वाले फायदे |

प्रकृति ने महिलाओं की शारीरिक संरचना को विशिष्ट रूप में बनाया है , जिसके कारण महिलाओं की कुछ शारीरिक समस्याएं पुरुषों से भिन्न होती है। अन्य...

प्रकृति ने महिलाओं की शारीरिक संरचना को विशिष्ट रूप में बनाया है, जिसके कारण महिलाओं की कुछ शारीरिक समस्याएं पुरुषों से भिन्न होती है। अन्य दो आर्टिकल्स में हमने यह देखा कि लहसुन के औषधीय गुण क्या है, और उनका सेवन कैसे किया जाना हैऔर क्या सावधानी करनी चाहिये। इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि, लहसुन किस प्रकार महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर कर सकता है।

महिलाओं के अस्थि रोग में
महिलाओं के मासिक चक्र में
महिलाओं की यौन सक्रियता में
महिलाओं के स्तन स्वास्थ्य में
महिलाओं के यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन (यू.टी.आई.) में

महिलाओं के अस्थि रोग में 

        महिलाओं में अस्थि रोग अधिकतर पाए जाते हैं अस्थि मधुलता या ओस्टियोपोरोसिस महिलाओं  में होने वाला एक प्रमुख रोग है, जिसमे हड्डियां कमजोर और भुरभुरी हो जाती हैं, जो एक छोटी चोट से भी टूट सकती है इसका मुख्य कारण है कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन पाया जाता है, जो कि हड्डियों के निर्माण और उसके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन जब महिलाओं में मेनोपॉज हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में एस्ट्रोजन का लेवल काफी कम हो जाता है, और हड्डियों का मेंटेनेंस नहीं हो पाता जिस कारण अस्थि मधुलता या ओस्टियोपोरोसिस की समस्याओं होती है

        यदि महिलाओं कि किशोरावस्था और युवावस्था में पोषण हीनता की स्थिति रही है, तो भी अस्थि मधुलता या ओस्टियोपोरोसिस की इसकी समस्या होती है, क्योंकि प्रायः 18 वर्ष की उम्र तक औरतों में 90% तक हड्डियों (बोन मॉस) का विकास हो चुका होता है।

        इसी प्रकार ऑस्टियोआर्थराइटिस भी एक बड़ी समस्या है जिसका मुख्य कारण है, जब हड्डियों के जोड़ों के बीच में पाए जाने वाले कार्टिलेज टिशु, जो हड्डियों के बीच स्नेहलता और लचीलापन लाते है, टूट जाते हैं या कम हो जाते हैं तो हड्डियों में घर्षण होता है, जिससे हड्डियों की क्षति होती है और असहनीय दर्द होता है।

        विभिन्न अध्ययनों में पाया गया है कि लहसुन का पर्याप्त सेवन करने से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या में काफी कमी आती है। लहसुन में पाए जाने वाले एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण से ज्वाएंट पेन (जोड़ो के दर्द) में भी कमी आती है

👉 यह भी पढ़े-लहसुन कैसे खाये ? किसे लहसुन नहीं खाना चाहिये, लहसुन खाने से क्या नुकसान हो सकते है, और लहसुन खाने में क्या सावधानियां अपनायें ?

👉 यह भी पढ़े-लहसुन (गार्लिक) के फायदे (Lahsun ke fayde) और इसके औषधीय प्रयोग (दिल की बीमारी , रक्तचाप,अल्जाएमर, डायबटीज,कैंसर,लीवर,वायरल डिजीज आदि में )

महिलाओं के यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन (यू.टी.आई.) में 

        महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन (यूटीआई) मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन एक बड़ी प्रॉब्लम है। इसका मुख्य कारण ई कोली बैक्टीरिया है। लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण होने के कारण ई कोली बैक्टीरिया के वृद्धि को कम करता है, जिससे यूटीआई इन्फेक्शन में कमी आती है। 

महिलाओं के मासिक चक्र में 

        लहसुन में पाए जाने वाले एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण और खून को पतला करने के गुण महिलाओं के मासिक चक्र में बहुत उपयोगी होते हैं, जो महिलाएं डिसमैनरिया से पीड़ित होती हैं, अर्थात की जिन्हें मासिक के समय दर्द अधिक होता है और स्राव कम होता है, ऐसे में लहसुन के सेवन से दर्द में कमी होती है, और खून पतला होने से स्राव बढ़ता है
        इसी कारण जिन महिलाओं को मासिक के समय ज्यादा बिल्डिंग की प्रॉब्लम होती है, उन्हें लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, अथवा डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए लहसुन की तरह हल्दी भी एक चमत्कारी औषधि है, हल्दी के क्या फायदे हैं और इसके सेवन का क्या तरीका है, इसे पढने के लिये यहां क्लिक करें 

 महिलाओं की यौन सक्रियता में

        लहसुन न केवल स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि लहसुन में पाया जाने  वाला एक यौगिक एलिसिन यौन सक्रियता को बेहतर बना सकता है यह महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने वाले सक्रिय तत्व के रूप में कार्य करता है। यह महिलाओं में यौन सक्रियता को बढ़ाता है, क्योंकि यह एक एस्ट्रोजेन युक्त भोजन है। एस्ट्रोजन का स्तर जितना अधिक होगा, यौन सक्रियता उतना ही अधिक होगी । यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन अंगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। लेकिन इसका लाभ तभी होता है जब लहसुन का नियमित सेवन किया जाता है।

विशेष:- किसी भी प्रकार की दवा या उपचार का प्रयोग डॉक्टर/विशेषज्ञ की सलाह से ही करेइस आर्टिकल मे दी गयी जानकारी कोई चिकित्सकीय परामर्श नहीं हैइसका उद्देश्य मात्र विषय पर आपको जागरूक करना है।है

 महिलाओं के स्तन स्वास्थ्य में 

        लहसुन में एंटी-ट्यूमर प्रभाव होते हैं, जिससे यह स्तन कैंसर को रोकने में प्रभावी होता है। लहसुन स्तन कैंसर को बढ़ाने वाला लिनोलेइक एसिड के प्रभाव को रोकता है। लहसुन में पाया जाने वाला डी.ए.टी.एस.  (डायलिसिस ड्राई सल्फाइड)  एक सल्फर योगिक है। जिसमें कैंसर रोकने संबंधी गुण पाए जाते हैं, यह कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक देता है। एलिसिन मानव स्तन और पेट के कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को भी रोकता है।

        यह भी देखा गया है कि, लहसुन एक गैलेक्टागॉग (माँ के दूध को बढ़ाने वाला ) है, और इसका उपयोग कई वर्षों से माँ के दूध को बढ़ाने वाले हर्बल उपचार के रूप में किया जाता रहा है। अध्ययनों से यह देखा गया है कि, जब स्तनपान कराने वाली माताओं ने लहसुन का सेवन किया, तो उनके शिशुओं ने लंबे समय तक स्तनपान किया और उन्हें वैकल्पिक आहार की आवस्यकता नहीं पड़ी।

        महिलाओ के स्तन में रक्त वाहिकाओं  का जाल होता है लहसुन का नियमित सेवन रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे स्तन की कोशिकाएं स्वस्थ और पुष्ट होती है, और इसके प्रभाव से स्तन सुडौल होते है।

        यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट बाक्स में जरूर बताएं, जिससे आर्टिकल में सुधार कर इसे और उपयोगी बनाया जा सकेआर्टिकल  को पूरा पढने के लिए धन्यवाद ....🙏

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