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हल्दी के फायदे स्किन के लिए | haldi ke fayde skin ke liye in hindi.

सौंदर्य प्रसाधन के रूप में हल्दी का प्रयोग भारत में सदियों से होता रहा है , क्योंकि हल्दी के फायदे स्किन के लिए बहुत ही अधिक हैं। इससे पहले...

सौंदर्य प्रसाधन के रूप में हल्दी का प्रयोग भारत में सदियों से होता रहा है, क्योंकि हल्दी के फायदे स्किन के लिए बहुत ही अधिक हैं। इससे पहले के आर्टिकल (लेख) में हल्दी के फायदे और नुकसान हल्दी के औषधीय गुण और हल्दी का प्रयोग किस प्रकार किया जाना चाहिए, इसे विस्तार से बताया गया है, इसे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।  

हल्दी जिसे अंगरेजी में टर्मरिक कहा जाता है जिंजर फैमिली से है, इसका वैज्ञानिक नाम कुरकुमा लौंगा है। हल्दी जिसे हम प्रयोग करते है वह, पौधे के जड़ की गांठ होती है।

हल्दी का पीला रंग उसमे पाए जाने वाले पीत रंजक करक्यूमिन के कारण होता है। करक्यूमिन बहुत ही उपयोगी तत्व है, ये एक स्ट्रांग एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी होता है।  त्वचा शरीर का सबसे बड़ा अंग है ये शरीर के आंतरिक अंगों को बाहरी वातावरण के विषैले पदार्थों, सूक्ष्म जीवों से बचाता है, और शरीर की नमी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  हल्दी के फायदे स्किन के लिए बहुत ही अधिक हैं, इस आर्टिकल (लेख) में विस्तार से बताया गया है-  

👉त्वचा के घावों को तेजी से ठीक करता है।

👉सोरायसिस (Psoriasis) रोकता है। 

👉मुँहासों को कम करने में उपयोगी है।

👉चेहरे का रंग निखरता है, और डार्क सर्कल्स को दूर करता है।

👉दाग, धब्बे और निशान हल्का करता है।

👉खुजली रोकने में उपयोगी है।

👉एक्जीमा / eczema (Atopic dermatitis) में उपयोगी है।

👉हल्दी अच्छा मॉइश्चराइजर है। 

👉उम्र के प्रभाव को कम करता है।

👉स्ट्रेच मार्क्स के उपचार में

👉हल्दी के त्वचा के लिए उपयोग में की जाने वाली सावधानियां।

 त्वचा के घावों को तेजी से ठीक करता है।

घाव भरने की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है, जो कई चरणों में संपन्न होती है, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन सूजन और ऑक्सीकरण को कम करके घावों को भरने में मदद कर सकता है। यह घाव पर शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र के प्रभाव को कम करता है। जिससे घाव तेजी से भरते हैं।

हल्दी त्वचा के टीस्यू (ऊतक) और कोलेजन को जो कि घाव भरने में महत्वपूर्ण होते है, को सहयोग देता है। जिससे घाव पर नयी त्वचा तेजी से बनती है। 

सोरायसिस (psoriasis)रोकता है। 

त्वचा में जब पी एच के (फास्फोरिलेज किनासे) प्रोटीन बढ़ जाता है, तो त्वचा की कोशिकाएं तेजी से बनने लगती हैं, और ये अतिरिक्त कोशिकाएं त्वचा में गांठ,छाले,या चकत्ते बनाने लगती है, इसे ही फेसियल सोरायसिस कहा जाता है हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन, पी एच के (फास्फोरिलेज किनासे) को कम करता है, और सोरायसिस को रोकता है। 

नेशनल सोरायसिस फाउंडेशन, पोर्टलैंड के अनुसार, चिकित्सक से परामर्श करके हल्दी का सेवन भोजन के साथ पूरक आहार  के रूप में लिया जा सकता है।

मुँहासों को कम करने में उपयोगी है।

किशोरावस्था में होने वाले मुहासे चेहरे की सुंदरता को बहुत खराब करते हैं मुंहासे होने के बाद जब भी ये फूटते हैं, तो इसमें सूजन हो जाती हैहल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण बैक्टीरिया को फैलने से रोककर, और दाग-धब्बों की लालिमा और सूजन को कम करके त्वचा को पहले की अवस्था में वापस लाता है

मुहांसों के कारण चेहरे पर पड़ने वाले दाग धब्बे को भी  हल्दी के द्वारा कम किया जा सकता है इसके लिए  घर में बने हल्दी के फेस मास्क उपयोगी होते हैं। हल्दी को एप्पल साइडर वेनेगर के साथ मिलाकर प्रयोग करने से, इसके एस्ट्रिंजेंट गुण टोनर की तरह काम करते हैं। 

ये चेहरे का रंग निखरता है, और डार्क सर्कल्स को दूर करता है।

चेहरे के रंग के गाढ़ेपन का कारण त्वचा में पाए जाने वाले पिगामेंट्स मेलानिन हैं। हल्दी के प्रयोग से पिगामेंट्स का प्रभाव कम होता है, जिससे त्वचा का रंग निखरता है। 

आंखों के चारों ओर काले घेरे या डार्क सर्कल एक बड़ी समस्या है जिसका मुख्य कारण है- 

  • धूप में अधिक समय तक रहना
  • पर्याप्त नींद न लेना
  • आंखों के चारों ओर पिगामेंट्स का एकत्र हो जाना  
  • अनुवांशिकता  

एंटी इन्फ्लेमेटरी और लाइटनिंग एजेंट के रूप में हल्दी न सिर्फ डार्क सर्कल को दूर करके चेहरे का रंग निखारती है, साथ ही ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाकर त्वचा में कसावट लाती है

हल्दी पाउडर को उसकी आधी मात्रा दही के साथ कुछ बूंदे नींबू मिलाकर पेस्ट बना कर चेहरे पर फेस पैक की तरह 15 से 20 मिनट लगाये, इसके बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें, इसका नियमित प्रयोग बहुत ही प्रभावी है 

दाग, धब्बे और निशान हल्का करता है।

चेहरे पर होने वाले मुहासे  फुंसी आदि अपने निशान छोड़ जाते हैं, जो चेहरे पर अच्छे नहीं लगते। हल्दी त्वचा के दाग-धब्बों को कम करके त्वचा को लाभ पहुंचाती है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी हैं। करक्यूमिन मेलेनिन के उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो त्वचा के दाग, धब्बे और निशान को हल्का करता है, और त्वचा को टोन रखता है।

घर पर हल्दी का फेस मास्क तैयार करने के लिए एक चम्मच हल्दी में आधा चम्मच शहद मिलाएं। इस गाढ़े पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं और 15 मिनट के बाद पानी से धो लें। शहद और हल्दी एक साथ न केवल दाग, धब्बे और निशान को ठीक करेंगे बल्कि आपकी त्वचा को नमी और पोषण भी देंगे।

खुजली रोकने में उपयोगी है।

त्वचा में होने वाली खुजली अधिकांशतः वातावरण में पाए जाने वाले अति सूक्ष्म माइट  के कारण होती है, हल्दी और नीम को मिलाकर प्रयोग करने से इस में काफी लाभ मिलता है, यह त्वचा के संक्रमण की समस्याओं को दूर करता है।

हल्दी और नारियल के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर संक्रमित त्वचा जहां खुजली, सूजन या लाल निशान है पर लेप करने से भी काफी लाभ होता है

एक्जीमा / eczema (Atopic dermatitis) में उपयोगी है।

एग्जिमा में त्वचा लाल हो जाती है, और उसमें खुजली होती है, प्रायः ये समस्या बच्चों में देखी जाती है, परंतु बड़े लोगों में भी यह देखा गया है कभी-कभी इसके साथ बच्चों में अस्थमा और बुखार की भी समस्या होती है इसके कारण  अभी स्पष्ट नहीं है हल्दी में पाए जाने वाला कुरकुमिन प्रतिरक्षा तंत्र के टी सेल को नियंत्रित करता है, जिससे एग्जिमा में आराम मिलता है।

हल्दी और नारियल के तेल के बराबर मात्रा में मिलाकर संक्रमित त्वचा पर लगाने से लाभ होता है

हल्दी अच्छा मॉइश्चराइजर है।

कुछ लोगों की त्वचा ड्राई होती है। सर्दियों के महीनों में ठंडी हवाएं त्वचा को शुष्क बना देती हैं। त्वचा की कोशिकाओं का मॉइश्चराइज होना, त्वचा के सुंदरता और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है

हल्दी रूखेपन के लक्षणों को कम करके त्वचा को लाभ पहुंचाती है यह चमत्कारी तत्व जो लगभग हर घर में पाया जाता है, त्वचा को गहराई से हाइड्रेट (नमी) और पोषण देता है, और मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने की प्रक्रिया को तेज करता है।

हल्दी से बने मास्क के प्रयोग से त्वचा मुलायम, हाइड्रेटेड और स्वस्थ होती है। हल्दी और दूध मिलाकर लगाने से त्वचा को नमी मिलती है, साथ ही यह मृत त्वचा कोशिकाओं को भी हटाता है।

उम्र के प्रभाव को कम करता है।

हल्दी का एंटी ऑक्सीडेंट प्रभाव त्वचा पर बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करता है, और त्वचा में कसावट लाता है। त्वचा पर  धूप में पड़ने वाले अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा पर फोटो एजिंग प्रभाव होता है, जिसे हल्दी कम करता है। 


बढ़ती उम्र के कारण त्वचा के प्राकृतिक तेल समाप्त होने लगते हैं, जिससे त्वचा की लोचशीलता कम होने लगती है, और महीन रेखाएँ और झुर्रियाँ दिखने लगती हैं । समय से पहले उम्र के प्रभाव सबसे पहले आपकी गर्दन, माथे और आपके आंखों के आसपास के क्षेत्र में दिखना शुरू हो जाते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन यौगिक में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मुक्त कणों (फ्री-रेडिकल्स) के उत्पादन को रोकते हैं, जिससे त्वचा की कोशिकाओं की क्षति कम होती है, और त्वचा पर बढ़ती उम्र के प्रभाव में कमी आती हैं।

एंटी-एजिंग फेस मास्क तैयार करने के लिए, हल्दी पाउडर, दूध और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्ट बना ले, चेहरे और त्वचा को जहां प्रयोग करना है अच्छे से साफ कर ले, फिर यह पेस्ट लगाएं, 15 मिनट तक लगा रहने दें, इसके बाद ठंडे पानी से धो ले।

स्ट्रेच मार्क्स का उपचार

महिलायें पुरुषो की तुलना में स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से अधिक प्रभावित होती हैं। स्ट्रेच मार्क्स त्वचा पर खिचाव  के निशान हैं, जो लम्बी धारियों के रूप में होते हैं। ये पेट, स्तन, कूल्हों, नितम्बों, जांधों पर पाए जाते हैं। इसका मुख्य कारण गर्भावस्था, तेजी से वजन बढ़ना, तेजी से वजन घटना अथवा कुछ मेडिकल परिस्थितियां हो सकती हैं।

स्ट्रेच मार्क्स कोई संक्रमण या बीमारी नहीं है, लेकिन शारीरिक सौन्दर्य को प्रभावित करते हैं, जिससे आत्मविश्वास में कमी आती है। स्ट्रेच मार्क्स इलाज करना मुश्किल होता है, लेकिन हल्दी उन्हें हल्का करने में मदद कर सकती है। शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, हल्दी त्वचा कोशिकाओं के प्रवेश करती है, और खिंचाव के निशान को हल्का करती है।

स्ट्रेच मार्क-हीलिंग पेस्ट बनाने के लिए, एक बड़ा चम्मच जैतून का तेल, एक चम्मच हल्दी पाउडर में नींबू के रस की कुछ बूंदों को मिलाना है, और प्रभावित क्षेत्रों पर इस मिश्रण को दिन में दो बार रगड़ें। इस हल्दी-युक्त पेस्ट का नियमित रूप से उपयोग खिंचाव के निशान को प्राकृतिक रूप से ठीक करने का सर्वोत्तम तरीका है।

हल्दी के त्वचा के लिए उपयोग में की जाने वाली सावधानियां। 

हल्दी का उपयोग करने में कुछ सावधानियां रखनी चाहिये। हल्दी का उपयोग करते समय, उसकी खुराक, उपयोग किए जाने वाले उत्पाद के प्रकार और आपके द्वारा ली जाने वाली अन्य दवाओं के साथ इसके प्रभाव को भी ध्यान में रखना चाहिये, इस बारे में अपने डॉक्टर से अवश्य चर्चा करें।

हल्दी को जब त्वचा पर लगाया जाता है, तो हल्दी कुछ समय के लिए उस स्थान को पीला कर देती है, यह सामान्य बात है। लेकिन अगर आपको एलर्जी है, तो त्वचा में प्रयोग से जलन, लालिमा और सूजन हो सकती है। अगर आपको खाने में हल्दी से एलर्जी है तो, अपनी त्वचा पर हल्दी का प्रयोग न करें। 

हल्दी का लेप या त्वचा पर इसके प्रयोग करने से पहले, रिएक्शन/एलर्जी टेस्ट करना आवश्यक है। इसके लिए हल्दी के लेप की थोड़ी मात्र कान के पीछे/ कलाई के पास लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ दिया जाता है। यदि किसी प्रकार के दाने, जलन, खुजली  आदि की समस्या आती है तो प्रयोग से पहले डाक्टर की सलाह  लिया जाना आवश्यक है।

विशेष- उपर दी गई सभी जानकारी हल्दी का प्रयोग, हल्दी के फायदे, और नुकसान के संबंध में आप की सामान्य जानकारी बढ़ाने के लिए हैं, यह कोई विशेषज्ञ सलाह नहीं है।

यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट बाक्स में जरूर बताएंजिससे आर्टिकल में सुधार कर, इसे और उपयोगी बनाया जा सकेआर्टिकल  को पूरा पढने के लिए धन्यवाद। 

 

 

 

 

 

 

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